शारदीय नवरात्रि 2024 का पर्व 10 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 19 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का आयोजन है और इसे विशेष रूप से भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। कई भक्त इस दौरान उपवास रखते हैं, जिसमें सिर्फ फल, दूध और विशेष प्रकार के आहार का सेवन किया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा की आराधना के माध्यम से आशीर्वाद प्राप्त करना और नकारात्मकता से मुक्ति पाना है।
इस बार शारदीय नवरात्रि पर्व 9 दिनों की बजाय 10 दिन तक चलेगा, क्योंकि इस बार एक नवरात्रि की वृद्धि हो रही है, जिसे शुभ माना गया है। इस बार तृतीया तिथि 5 और 6 अक्टूबर को रहेगी। इसी कारण से नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को होगा, और उसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा।
नवरात्रि के महत्व:
पूजा और भक्ति: इस दौरान भक्तजन मां दुर्गा की पूजा, उपवास और भजन-कीर्तन करते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: नवरात्रि के दौरान गरबा, डांडिया और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
शक्ति की आराधना: यह पर्व मां दुर्गा की शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कलश स्थापना का मुहूर्त:
3 अक्टूबर 2024: सुबह 6:24 बजे से 8:45 बजे तक (प्रातःकाल)
अन्य मुहूर्त: सुबह 8:00 से 9:30 बजे और 10:30 से 12:00 बजे तक।
नवरात्रि के व्रत और पूजा का विशेष महत्व है, जो व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। यहाँ कुछ मुख्य लाभ और परिणाम दिए गए हैं:
आध्यात्मिक शुद्धि
- व्रत और पूजा के माध्यम से आत्मा की शुद्धि होती है, जिससे व्यक्ति का मानसिक और आध्यात्मिक स्तर ऊँचा होता है।
शारीरिक स्वास्थ्य
- उपवास के दौरान संतुलित आहार लेने से शरीर detoxify होता है। यह पाचन तंत्र को ठीक रखने और स्वास्थ्य में सुधार में मदद करता है।
संवेदनशीलता और समर्पण
- व्रत करने से व्यक्ति में धैर्य और समर्पण की भावना विकसित होती है। यह मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
मन की शांति
- नियमित पूजा और ध्यान से मन में शांति और संतुलन स्थापित होता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है।
सकारात्मकता का संचार
- पूजा के दौरान ध्यान और प्रार्थना से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति के आसपास का वातावरण भी सकारात्मक बनता है।
कर्मफल
- नवरात्रि में व्रत और पूजा से किए गए अच्छे कर्मों का फल व्यक्ति को जीवन में मिलता है।
समर्पण और भक्ति
- देवी माँ के प्रति भक्ति भाव से व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन होता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होता है।
परिवार में एकता
- सामूहिक पूजा और व्रत करने से परिवार के सदस्यों के बीच समर्पण और एकता बढ़ती है।
इच्छाओं की पूर्ति
- भक्तजन देवी माँ से अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं, और कई बार ये इच्छाएँ सच भी होती हैं।
दुखों का निवारण
- पूजा और व्रत से व्यक्ति अपने दुखों और समस्याओं से मुक्ति पा सकता है, क्योंकि यह मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
नवरात्रि का व्रत और पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो व्यक्ति को संतुलित, स्वस्थ और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाती है।
नवरात्रि के नौ दिन
1. प्रथम दिन: शैलपुत्री
2. द्वितीय दिन: ब्रह्मचारिणी
3. तृतीय दिन व चतुर्थ दिन : चंद्रघंटा
4. पंचम दिन: कूष्माण्डा
5. षष्ठी दिन: स्कंदमाता
6. सप्तमी दिन: कात्यायनी
7. अष्टमी दिन: कालरात्रि
8. नवमी दिन: महागौरी
9. दशमी दिन: सिद्धिदात्री
डोली या पालकी पर सवार होकर आएंगी माता
नवरात्रि के पहले दिन के अनुसार माता दुर्गा की सवारी के बारे में जानकारी मिलती है, जो इस पर्व में विशेष महत्व रखती है। यदि नवरात्रि का आरंभ रविवार या सोमवार को होता है, तो माता हाथी पर आएंगी। वहीं, यदि यह शनिवार या मंगलवार को शुरू होती है, तो माता अश्व (घोड़े) पर सवार होती हैं। यदि नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार को प्रारंभ होती है, तो माता डोली या पालकी पर आती हैं। अगर बुधवार को नवरात्रि पूजा का आरंभ होता है, तो माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं। शारदीय नवरात्रि इस वर्ष गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 से शुरू होंगी।
डोली या पालकी पर आने से क्या होगा असर
जब माता दुर्गा डोली या पालकी पर आती हैं, तो यह अच्छा संकेत नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि माता का पालकी पर आना चिंता का कारण है, जिससे अर्थव्यवस्था के गिरने और लोगों के व्यापार में मंदी की आशंका होती है। इसके साथ ही, महामारी के फैलने और अप्राकृतिक घटनाओं का सामना करने की चिंता भी बढ़ती है। इसके अलावा, सेहत में गिरावट और दूसरे देशों से हिंसा की खबरें भी मिल सकती हैं।
अस्वीकरण: इस ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और सूचना के उद्देश्य से है। यह किसी विशेष पेशेवर सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य, वित्त, कानूनी या अन्य मामलों से संबंधित निर्णय लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें।
Image Credit : https://pixabay.com/users/anjanadaksh-24343623
Tags:
Interesting_Facts