इसरो का GSLV-F12/NVS-01 रॉकेट मिशन सफलपूर्वक लॉन्च हुआ अब मिलेगी बेहतर Location की सुविधा


GSLV-F12/NVS-01 क्या है

GSLV-F12 हमारे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक उपग्रह लॉन्च करने का यान है इसके माध्यम से अंतरिक्ष मे उपग्रह भेजे जाते हैं | यह तकरीबन 51.7 मीटर लंबा और इसका वजन लगभग 420 टन के आस पास होगा | GSLV-F12 रॉकेट के माध्यम से इसरो के द्वारा नए जेनरेशन के नेविगेशन सैटेलाइट्स NVS-01 की लॉन्चिंग की गयी |

  इसकी लॉन्चिंग 29 मई 2023 को ISRO 10:42 पर श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से पैड - 2 से की गयी | इसका नेतृत्व इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ के अगुवाई मे हुई | इस सैटेलाइट को IRNSS-1G सैटेलाइट जोकि साल 2016 में लॉन्च हुई थी उसके बदलाव के लिए भेजा गया है, IRNSS-1G सैटेलाइट इसरो (ISRO) के रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम NavIC की सातवीं सैटेलाइट थी।

पहले क्या था

इससे पहले सात नाविक सैटेलाइट्स अंतरिक्ष मे थे जिनके माध्यम नेविगशन का कार्य चल रहा था लेकिन उनमे से तीन खराब होने के कारण चार नाविक सैटेलाइट्स का ही प्रयोग किया जा रहा था | यदि उन तीनों को बदला जाता तो उतने समय मे और चार भी खराब हो सकते थे इसलिए पाँच NVS-01 नाविक सैटेलाइट्स अंतरिक्ष मे GSLV-F12 के मदद से छोड़े गए | पहले जो सात नाविक सैटेलाइट्स इंडियन रीजनल नेविगेशन सिस्टम (IRNSS) के माध्यम से अंतरिक्ष मे उनके माध्यम से ही Navigation की सुविधा मिल रही थी |

2232 किलोग्राम का है NVS 01 सैटेलाइट

NVS 01 सैटेलाइट का वजन 2232 किलोग्राम है यह किसी भी स्थान की एक्यूरेट रीयल टाइम पोजिशनिंग बताएगा | इस श्रृंखला में सेवाओं का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त रूप से एल 1 बैंड सिग्नल शामिल हैं और इसमे पहली बार स्वदेशी परमाणु घड़ी भी लगाई गयी है | यह GSLV-F12 के माध्यम से धरती की जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट में 36,568 किलोमीटर ऊपर लगाया जाएगा | इसका  प्रमुख कार्य भारत और उसकी सीमाओं के चारों तरफ लगभग 1500 किलोमीटर तक नेविगेशन व समय संबंधी सेवाओं को प्रदान करना होगा |

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